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कुछ लोग सोचते हैं उनके घर में बेटा ही पैदा हो, बेटी नहीं; ये बहुत गलत सोच है
हमारे नुकसान के बाद भी अगर किसी दूसरे का फायदा हो रहा हो तो हमें पीछे नहीं हटना चाहिए
मानवता की सेवा के कई तरीके हैं, किसी असहाय बीमार की देखभाल करना सबसे बड़ी सेवा है
अगर दूसरे लोग हमारी बुराई कर रहे हैं, तब भी हमें किसी की निंदा करने से बचना चाहिए
जब मन बहुत भारी हो और रोना आए तो इसे छिपाना नहीं चाहिए, रोने से मन हल्का हो जाता है
जब कोई हमारी बुराई कर रहा हो, तब होती है हमारे धैर्य की परीक्षा
दूसरों की बुरी आदतें दूर करने की कोशिश करें, बुरे व्यक्ति को खत्म करना भी एक हिंसा है
कोई भी अच्छा काम करता है तो उसकी नीयत और उपयोगिता पर जरूर ध्यान देना चाहिए
बड़े अधिकारी खुद कानून का पालन करेंगे तो आम लोग भी नियमों का पालन करना शुरू कर देंगे
धन कमाने के साथ ही भगवान का ध्यान भी करते रहना चाहिए, इससे मन अशांत नहीं होता है
कामकाजी बीवी से उम्मीद यही की जाती है कि वो पति से पहले घर पहुंचे और मुस्कुराकर चाय की प्याली दे
खेल हो या शत्रुता, कभी भी सामने वाले की कमजोरी को हथियार नहीं बनाना चाहिए
घर-परिवार के साथ रहते हुए भी कर सकते हैं भक्ति, परिवार को त्याग कर पूजा-पाठ करना सही नहीं है
अपनी तारीफ खुद न करें, हमारे अच्छे काम कोई दूसरा बताएगा तो कामयाबी बड़ी हो जाएगी
माता-पिता का रोज आशीर्वाद लें, वे भगवान की तरह पूजनीय, हमारी वजह से उन्हें दुःख पहुंचे तो यह पाप है
किसी का दुख दूर करना चाहते हैं तो हम में दुख सहन करने के क्षमता होनी चाहिए
बुद्ध के चार आर्य-सत्यों को सकारात्मक लें; यही सुख भी है, सुख के कारण भी हैं, सुख के उपाय हैं और उपाय शक्य भी हैं
अपनापन ही परिवार का धर्म है, घर में भले ही कितने भी वाद-विवाद होते हैं, लेकिन एकता बनाए रखें
गलत बात को तुरंत रोक लेना चाहिए, वरना समय निकलने के बाद वो गलती हमेशा की समस्या बन जाती है
कुछ लोग अहंकार की वजह से सच्चाई को मानते नहीं है, अपनी हार को स्वीकार नहीं करते हैं